भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 123 भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से किसी षड्यंत्र को छिपाने या उसे प्रोत्साहित करने से संबंधित है। यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की योजना या षड्यंत्र को जानते हुए भी उसे छिपाते हैं या उसमें सहायता करते हैं। इस लेख में हम आईपीसी धारा 123 की परिभाषा, दंड, प्रभाव, उदाहरण और इसके जमानतीयता के बारे में विस्तार से जानेंगे।
IPC Section 123 in Hindi परिभाषा
भारतीय दंड संहिता की धारा 123 के अनुसार, “जो कोई भी व्यक्ति यह जानते हुए कि भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से कोई षड्यंत्र या योजना बनाई गई है, उसे छिपाता है, प्रोत्साहित करता है या सहायता करता है, वह इस धारा के अंतर्गत दंडनीय होगा।” इस धारा का उद्देश्य उन व्यक्तियों को दंडित करना है जो किसी षड्यंत्र या योजना की जानकारी रखते हुए भी उसे छिपाते हैं और उसे प्रोत्साहित करते हैं।
IPC 123 in Hindi आईपीसी धारा 123 के अनुसार दण्ड
IPC Section 123:- आईपीसी धारा 123 के तहत दंड का प्रावधान उन व्यक्तियों के लिए है जो भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से किसी षड्यंत्र को जानते हुए भी उसे छिपाते हैं या उसमें सहायता करते हैं। यह धारा सुनिश्चित करती है कि ऐसे गंभीर अपराध करने वाले व्यक्तियों को सख्त सजा मिले, ताकि देश की सुरक्षा और अखंडता बनाए रखी जा सके।
IPC Section 123 Punishment आईपीसी धारा 123 के अनुसार दण्ड की सजा
IPC Section 123:-आईपीसी धारा 123 के अनुसार, जो कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से किसी षड्यंत्र को छिपाता है या उसमें सहायता करता है, उसे अधिकतम दस वर्ष की कारावास की सजा हो सकती है, और साथ ही उसे आर्थिक दंड का भी सामना करना पड़ सकता है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे गंभीर अपराध करने वाले व्यक्तियों को कठोरतम सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के अपराध करने का साहस न कर सके।
Effect of 123 IPC in Hindi आईपीसी धारा 123 का प्रभाव
आईपीसी धारा 123 का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह धारा सुनिश्चित करती है कि देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा पहुँचाने वाले व्यक्तियों को सख्त सजा मिले। इससे समाज में एक सख्त संदेश जाता है कि देशद्रोह और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह धारा देश की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Example of 123 IPC in Hindi आईपीसी धारा 123 का उदाहरण
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति यह जानता है कि एक आतंकवादी संगठन भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की योजना बना रहा है और वह इसे छिपाने का प्रयास करता है। इस स्थिति में, उस व्यक्ति पर आईपीसी धारा 123 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उसे सख्त सजा दी जाएगी।
एक अन्य उदाहरण के रूप में, यदि किसी व्यक्ति को पता है कि उसके मित्र या परिवार के सदस्य सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं और वह इसे छिपाने का प्रयास करता है, तो उस व्यक्ति पर आईपीसी धारा 123 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उसे कठोरतम सजा दी जाएगी।
123 IPC Bailable or Not in Hindi
123 IPC Bailable or Not:-आईपीसी धारा 123 के तहत अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) होता है। इसका मतलब यह है कि इस धारा के तहत आरोपी व्यक्ति को जमानत आसानी से नहीं मिल सकती है। जमानत पाने के लिए आरोपी को अदालत में जमानत की याचिका दाखिल करनी होती है और अदालत जमानत देने या न देने का निर्णय करती है।
निष्कर्ष
123 IPC Bailable or Not:-आईपीसी धारा 123 भारतीय दंड संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से किसी षड्यंत्र को छिपाने या उसे प्रोत्साहित करने से संबंधित मामलों को नियंत्रित करता है। यह धारा सुनिश्चित करती है कि देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा पहुँचाने वाले व्यक्तियों को सख्त सजा मिले। इस धारा का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना और देशद्रोह जैसी गतिविधियों को रोकना है। गैर-जमानतीय अपराधों की सूची में शामिल होने के कारण, यह धारा अपराधियों को सख्त संदेश देती है कि देश के खिलाफ किसी भी प्रकार की विद्रोही गतिविधि को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा और उन्हें कानून के कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा।