Indian Kanoon 404 IPC in Hindi:- धारा 404 क्या है ? (IPC 404 in Hindi). 404 IPC in Hindi IPC Section 404 in Hindi What is IPC Section 404 Punishment? Know 404 IPC Bailable or Not. IPC Section for Criminal Intimidation.
IPC Section 404 in Hindi परिभाषा
IPC Section 404:-भारतीय दंड संहिता की धारा 404 भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्य करने वाले व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान करती है। यह धारा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक उच्च धारा है और इसका उद्देश्य देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है।
IPC 404 in Hindi आईपीसी धारा 404 के अनुसार दण्ड
IPC Section 404:- भ्रष्टाचार के अपराध को धारा 404 में गैर-जमानती दंड के रूप में प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार कार्य करता है तो उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा होती है।
IPC Section 404 Punishment आईपीसी धारा 404 के अनुसार दण्ड की सजा
आईपीसी धारा 404 के अनुसार, भ्रष्टाचार के अपराध में दो साल की कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह धारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का संदेश देती है और उसे दण्डित करने का प्रावधान करती है।
Effect of 404 IPC in Hindi आईपीसी धारा 404 का प्रभाव
भारतीय समाज में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आईपीसी धारा 404 का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके लागू होने से लोगों में जागरूकता बढ़ती है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने की उम्मीद बनी रहती है।
Example of 404 IPC in Hindi आईपीसी धारा 404 का उदाहरण
एक उदाहरण के रूप में, यदि कोई सरकारी अधिकारी धनराशि के खिलाफ भ्रष्टाचार करता है तो उसे आईपीसी धारा 404 के तहत सजा का सामना करना पड़ सकता है। यहां, कानून उसे जुर्माना या कारावास की सजा देने का अधिकार रखता है।
आईपीसी धारा 404 के अंतर्गत क्या जमानत मिलती है? (404 IPC Bailable or Not)
IPC Section 404:-आईपीसी धारा 404 बेल अथवा अबेल के तहत आता है। यदि अपराधी के खिलाफ कार्यवाही करने के बाद न्यायिक प्राधिकरण इसे बेल देता है, तो वह बेल पर छुटकारा पा सकता है। लेकिन अगर न्यायिक प्राधिकरण बेल की स्वीकृति नहीं देता है, तो अपराधी को कारावास में जाना पड़ सकता है।
इस तरह, आईपीसी धारा 404 भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान करती है और लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को बढ़ावा देती है। यह एक सकारात्मक कदम है जो भ्रष्टाचार को रोकने में सहायक होता है और समाज को न्याय और समानता की दिशा में अग्रसर करता है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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संपत्ति की बेईमानी से धांधली, जानते हुए भी कि यह उसकी मौत पर एक मृत व्यक्ति के कब्जे में था, और यह कि उसके बाद से किसी भी व्यक्ति के कब्जे में कानूनी तौर पर यह हकदार नहीं किया गया है | 3 साल + जुर्माना | गैर – संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
यदि क्लर्क या मृतक द्वारा नियोजित व्यक्ति द्वारा | 7 साल + जुर्माना | गैर – संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
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