IPC Section 436 in Hindi परिभाषा
IPC Section 436:- भारतीय दंड संहिता में धारा 436 एक महत्वपूर्ण धारा है जो आगजनी के अपराधों पर दंड प्रावधान करती है। इस धारा के तहत, जो व्यक्ति किसी वस्त्र या अन्य सामग्री को आगजनी करता है और इसके कारण किसी भविष्य के समय में आगजनी का खतरा होता है, उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होती है।
IPC 436 in Hindi आईपीसी धारा 436 के अनुसार दण्ड
आईपीसी धारा 436 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी वस्त्र, संपत्ति या संरचना को आगजनी करता है और इसके कारण किसी और को जोखिम में डालता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
IPC Section 436 Punishment आईपीसी धारा 436 के अनुसार दण्ड की सजा
IPC Section 436:- आईपीसी धारा 436 के अनुसार, आगजनी के अपराध में दो साल से तीन साल की कारावास या जुर्माना की सजा हो सकती है। इसके अलावा, आपत्तिजनक संपत्ति को आगजनी करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को भुगतना पड़ सकता है।
Effect of 436 IPC in Hindi आईपीसी धारा 436 का प्रभाव
436 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 436 का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज में आगजनी के अपराध को रोकता है और लोगों को संपत्ति और जीवन की सुरक्षा के प्रति जागरूक करता है। इसके लागू होने से लोगों में जिम्मेदारी और सावधानी की भावना बढ़ती है।
Example of 436 IPC in Hindi आईपीसी धारा 436 का उदाहरण
एक उदाहरण के रूप में, यदि किसी व्यक्ति ने बिना वजह किसी दुकान को आग लगा दी और इससे उस दुकान के मालिक को नुकसान हुआ, तो उस पर आईपीसी धारा 436 के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
436 IPC Bailable or Not in Hindi
436 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 436 गैर-जमानती है, अर्थात जिसे आरोपी को जमानत पर नहीं छोड़ा जाता है। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति इस धारा के तहत गिरफ्तार होता है, तो उसे कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा नहीं किया जाता है। यह एक सामान्य धारा है जिसमें जमानत का प्रावधान नहीं है।
इस प्रकार, आईपीसी धारा 436 समाज में संपत्ति और जीवन की सुरक्षा को बढ़ावा देती है और लोगों को आगजनी के अपराध से डराती है। इसके लागू होने से लोगों में जिम्मेदारी और सावधानी की भावना बढ़ती है और सामाजिक न्याय को स्थापित करती है।