472 IPC in Hindi धारा 472 क्या है (IPC 472 in Hindi)

Indian Kanoon 472 IPC in Hindi:- धारा 472 क्या है ? (IPC 472 in Hindi). 472 IPC in Hindi IPC Section 472 in Hindi What is IPC Section 472 Punishment? Know 472 IPC Bailable or Not. IPC Section for  Criminal Intimidation.

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 472 जालसाजी से संबंधित अपराधों के लिए लागू होती है, जिसमें उपकरण या सामग्री का उपयोग जाली दस्तावेज़ बनाने के उद्देश्य से किया जाता है। यह धारा उन मामलों के लिए है जहां जाली दस्तावेज़ बनाने के लिए उपकरण या सामग्री को निर्मित, संरक्षित या खरीदा जाता है। इस लेख में, हम आईपीसी धारा 472 की परिभाषा, सजा, प्रभाव, उदाहरण और इसके जमानती होने के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

IPC Section 472 in Hindi परिभाषा

IPC Section 472:- आईपीसी धारा 472 के अनुसार, “जो कोई भी जाली दस्तावेज़ बनाने के उद्देश्य से किसी उपकरण या सामग्री का निर्माण, अधिग्रहण या रखना करता है, उसे इस धारा के तहत दंडित किया जाएगा।” इस धारा का उद्देश्य जालसाजी को रोकना और ऐसे उपकरणों या सामग्री के उपयोग को हतोत्साहित करना है जो जाली दस्तावेज़ बनाने में सहायक हो सकते हैं।

IPC 472 in Hindi आईपीसी धारा 472 के अनुसार दण्ड

आईपीसी धारा 472 के तहत दोषी पाए जाने पर कठोर सजा का प्रावधान है। इस धारा के तहत निम्नलिखित प्रकार के दंड दिए जा सकते हैं:

  1. सजा का प्रकार: इस धारा के तहत दोषी को कारावास की सजा हो सकती है।
  2. सजा की अवधि: कारावास की अवधि सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
  3. अतिरिक्त सजा: इसके अलावा, दोषी को जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

IPC Section 472 Punishment आईपीसी धारा 472 के अनुसार दण्ड की सजा

IPC Section 472:- आईपीसी धारा 472 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जाली दस्तावेज़ बनाने के उद्देश्य से किसी उपकरण या सामग्री का निर्माण, अधिग्रहण या रखना करता है, तो उसे सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है। इस धारा के तहत सजा की गंभीरता यह सुनिश्चित करती है कि जालसाजी के लिए उपकरण या सामग्री का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को कठोर दंड मिले।

Effact of 472 IPC in Hindi आईपीसी धारा 472 का प्रभाव

आईपीसी धारा 472 का प्रभाव समाज में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जाली दस्तावेज़ बनाने के उपकरणों और सामग्रियों के उपयोग को रोकने में सहायक है। इस धारा के लागू होने से निम्नलिखित प्रभाव होते हैं:

  1. न्याय की सुरक्षा: यह धारा सुनिश्चित करती है कि कोई व्यक्ति जाली दस्तावेज़ बनाने के लिए उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग नहीं कर सके।
  2. सामाजिक स्थिरता: जालसाजी के उपकरणों और सामग्रियों के उपयोग को रोकने से समाज में स्थिरता और विश्वास बना रहता है।
  3. आर्थिक सुरक्षा: यह धारा आर्थिक धोखाधड़ी और जालसाजी के मामलों को रोकने में मदद करती है, जिससे आर्थिक सुरक्षा बनी रहती है।
  4. न्यायिक प्रणाली का समर्थन: इस धारा के तहत सख्त सजा का प्रावधान न्यायिक प्रणाली को मजबूत बनाता है और अपराधियों को कठोर दंड देता है।

Example of 472 IPC in Hindi आईपीसी धारा 472 का उदाहरण

472 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 472 के तहत एक उदाहरण को समझने के लिए मान लीजिए कि एक व्यक्ति ने जाली दस्तावेज़ बनाने के लिए उपकरण और सामग्री खरीदी और उन्हें अपने घर में रखा। इन उपकरणों और सामग्री का उपयोग नकली पहचान पत्र बनाने के लिए किया जाना था। यदि यह साबित हो जाए कि इनका उद्देश्य जाली दस्तावेज़ बनाना था, तो व्यक्ति को धारा 472 के तहत सजा दी जा सकती है।

472 IPC Bailable or Not in Hindi

472 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 472 के तहत अपराध गैर-जमानती है। इसका मतलब यह है कि इस धारा के तहत आरोपित व्यक्ति को सीधे जमानत नहीं मिल सकती। उसे पहले न्यायालय में पेश होना होगा और न्यायालय यह तय करेगा कि जमानत दी जाए या नहीं। यह प्रावधान इस धारा की गंभीरता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि दोषी व्यक्ति आसानी से जमानत पर रिहा न हो सके।

निष्कर्ष

आईपीसी धारा 472 भारतीय कानून में एक महत्वपूर्ण धारा है जो जाली दस्तावेज़ बनाने के उपकरण और सामग्रियों के उपयोग से संबंधित अपराधों पर कठोर सजा का प्रावधान करती है। यह धारा समाज में जाली दस्तावेज़ों और रिकॉर्ड के उपयोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस धारा के तहत सजा की गंभीरता यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति जाली दस्तावेज़ बनाने के उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग करने से पहले कई बार सोचे। न्यायिक प्रणाली में इस धारा का प्रभाव स्पष्ट है और यह समाज में न्याय और सुरक्षा को बढ़ावा देती है।

अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
भारतीय दंड संहिता की धारा 467 के तहत दंडनीय जालसाजी करने के इरादे से सील, प्लेट आदि बनाना या जालसाजी करना, या ऐसी किसी भी मुहर, प्लेट आदि को नकली होने के लिए जानते हुए भी जैसे इरादे से रखने के इरादे से आजीवन कारावास या 7 साल + जुर्माना संज्ञेय जमानतीय प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट

 

तो दोस्तो आज के लेख मे हमने IPC section 472 से जुडी सारी जानकारीयो को Hindi Langauge मेंआपके सामने रखने का प्रयास किया है कि Dhara 472 क्या है (what is IPC 472 in Hindi) Indian Kanoon 472 IPC अपराध की सजा क्या है और इस मुकदमे मे जमानत कैसे मिलती है।

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