Indian Kanoon 477 IPC in Hindi:- धारा 477 क्या है ? (IPC 477 in Hindi). 477 IPC in Hindi IPC Section 477 in Hindi What is IPC Section 477 Punishment? Know 477 IPC Bailable or Not. IPC Section for Criminal Intimidation.
भारतीय दण्ड संहिता में धारा 477 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो खोजी या उत्पादन के द्वारा नकली सिक्के या सर्कारी दस्तावेज़ों का निर्माण करने या उनका उपयोग करने के लिए दंड प्रदान करता है। यह धारा उन अपराधियों के खिलाफ है जो गलत तरीके से सिक्के बनाते हैं और सरकारी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करते हैं।
IPC Section 477 in Hindi परिभाषा
IPC Section 477:- आईपीसी धारा 477 के तहत, अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से सिक्के बनाता है या सरकारी दस्तावेज़ों को नकली बनाता है, तो उसे इस धारा के तहत दण्डित किया जा सकता है। यह धारा उन व्यक्तियों के खिलाफ होती है जो अपने लाभ के लिए गलत तरीके से सिक्के बनाते हैं और सरकारी दस्तावेज़ों को नकली बनाते हैं।
IPC 477 in Hindi: आईपीसी धारा 477 के अनुसार दण्ड
IPC Section 477:- आईपीसी धारा 477 के तहत दोषी पाए जाने पर निम्नलिखित सजा का प्रावधान है:
- सजा का प्रकार: दोषी को दो साल से पाँच साल तक की कारावास की सजा और अर्थदंड हो सकता है।
- अर्थदंड: दोषी पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।
यह सजा उस अपराध के आलोक में निर्भर करती है जो दोषी ने किया है और उसके पूर्व अपराध का इतिहास। यह धारा उन लोगों को भी संज्ञान में लेती है जो धोखाधड़ी के लिए सरकारी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करते हैं।
IPC Section 477 Punishment: आईपीसी धारा 477 के अनुसार दण्ड की सजा
आईपीसी धारा 477 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा इस प्रकार हो सकती है:
- कारावास की सजा: दो साल से पाँच साल तक की कारावास की सजा।
- अर्थदंड: साथ ही, आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।
यह सजा उस अपराध के लिए लगाई जाती है जिसमें व्यक्ति गलत तरीके से सिक्के बनाता है या सरकारी दस्तावेज़ों को नकली बनाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लोग सही तरीके से और नियमों के अनुसार काम करते हैं।
Effact of 477 IPC in Hindi: आईपीसी धारा 477 का प्रभाव
आईपीसी धारा 477 का प्रभाव व्यापक और गंभीर है। इस धारा के तहत कार्रवाई करने से:
- समाज में विश्वास बढ़ता है: समाज में लोगों के बीच विश्वास और सम्मान का आदान-प्रदान होता है क्योंकि वे जानते हैं कि कानून सख्त है और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- अपराधों में कमी आती है: इस धारा के प्रावधानों से लोग गलत तरीके से सिक्के बनाने और सरकारी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करने से डरते हैं।
- कानून व्यवस्था मजबूत होती है: कानून की कड़ी कार्रवाई से कानून व्यवस्था मजबूत होती है और समाज में न्याय की भावना बनी रहती है।
Example of 477 IPC in Hindi: आईपीसी धारा 477 का उदाहरण
सुरेश एक सोने की मुद्रा उत्पादक है। उसने गलत तरीके से सोने के सिक्के बनाए और उन्हें बाजार में उपलब्ध किया। जब यह पता चला कि उसने नकली सिक्के बनाए हैं, तो उस पर आईपीसी धारा 477 के तहत मामला दर्ज किया गया। यदि दोष सिद्ध होता है, तो सुरेश को दो साल से पाँच साल की कारावास की सजा हो सकती है।
477 IPC Bailable or Not in Hindi
477 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 477 के तहत दर्ज अपराध गैर-जमानती होते हैं। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति इस धारा के तहत गिरफ्तार होता है, तो उसे तत्काल जमानत नहीं मिल सकती है। जमानत के लिए उसे अदालत में आवेदन करना होगा और अदालत ही यह निर्णय लेगी कि उसे जमानत दी जाए या नहीं।
निष्कर्ष
477 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 477 नकली सिक्कों और सरकारी दस्तावेज़ों के उत्पादन या उपयोग के खिलाफ एक सख्त प्रावधान है। इस धारा के तहत दंडित किए जाने पर सजा से लोगों को डर होता है और वे नियमों का पालन करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि समाज में कानून व्यवस्था बनी रहे और न्याय की भावना को मजबूती से बनाए रखा जाए।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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धोखे से नष्ट करना या डिफेस करना, या नष्ट करने या विकृत करने का प्रयास करना, या स्राव करना, एक इच्छा, आदि | आजीवन कारावास या 7 साल + जुर्माना | गैर – संज्ञेय | गैर जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
तो दोस्तो आज के लेख मे हमने IPC section 477 से जुडी सारी जानकारीयो को Hindi Langauge मेंआपके सामने रखने का प्रयास किया है कि Dhara 477 क्या है (what is IPC 477 in Hindi) Indian Kanoon 477 IPC अपराध की सजा क्या है और इस मुकदमे मे जमानत कैसे मिलती है।
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