479 IPC in Hindi धारा 479 क्या है (IPC 479 in Hindi)

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भारतीय दंड संहिता में धारा 479 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो धोखाधड़ी या झूठे दावों के लिए दंड प्रदान करता है। यह धारा उन लोगों के खिलाफ है जो झूठे दावे करके या धोखाधड़ी करके अन्य लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं।

IPC धारा 479: परिभाषा

IPC Section 479:- आईपीसी धारा 479 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी और को झूठा या धोखाधड़ी से ठगता है, तो उसे धारा 479 के तहत दंडित किया जा सकता है। यह धारा विशेष रूप से उन लोगों के खिलाफ है जो धोखाधड़ी के जरिए अन्य लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते हैं।

IPC 479: आईपीसी धारा 479 के अनुसार दण्ड

आईपीसी धारा 479 के तहत दोषी पाए जाने पर निम्नलिखित सजा का प्रावधान है:

  1. जुर्माना: जुर्माना या कारावास की सजा हो सकती है।
  2. अर्थदंड: साथ ही, आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।

इस धारा के तहत सजा का प्रावधान उस जुर्माने के आलोक में होता है जो दोषी ने किया है। यह धारा विशेष रूप से उन लोगों को सजा देने के लिए है जो धोखाधड़ी या झूठे दावे करके अन्य लोगों को ठगते हैं।

IPC धारा 479: आईपीसी धारा 479 के अनुसार दण्ड की सजा

IPC Section 479:- आईपीसी धारा 479 के अनुसार, अपराधियों को दिए जाने वाले दंड का प्रावधान इस प्रकार है:

  1. कारावास की सजा: जुर्माने के आलोक में अदालत द्वारा निर्धारित की जाती है।
  2. अर्थदंड: आर्थिक दंड का भुगतान किया जाना सकता है।

यह सजा उस अपराध के आलोक में दी जाती है जिसके लिए दोषी पाए जाते हैं। यह धारा धोखाधड़ी के लिए एक आमंत्रित कोष्ट प्रदान करती है और उसे समाज में दोहराती है कि धोखा देने वालों को कठोर सजा मिलेगी।

आईपीसी धारा 479 का प्रभाव

आईपीसी धारा 479 का प्रभाव उच्च और महत्वपूर्ण है। इसके प्रावधानों से:

  1. समाज में विश्वास और संभावना बढ़ती है: समाज के लोग जानते हैं कि धोखाधड़ी करने वालों को सजा मिलेगी, जिससे विश्वास और संभावना की भावना बढ़ती है।
  2. अपराधों में कमी आती है: यह धारा धोखाधड़ी करने वालों को डराती है और उन्हें अपराधों से बाज आने के लिए विचार करते हैं।
  3. न्याय संवाद मजबूत होता है: यह सुनिश्चित करता है कि कानून की शक्ति को बनाए रखा जाता है और न्याय संवाद में मजबूती आती है।

आईपीसी धारा 479 का उदाहरण

479 IPC Bailable or Not:- रामेश एक बेहतरीन वित्तीय सलाहकार है। उसने अपने मायने में एक धोखाधड़ी योजना बनाई और अपने ग्राहकों को धोखा देकर उनसे धन लूटा। जब यह पता चला, तो उस पर आईपीसी धारा 479 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। अगर उसे दोषी पाया जाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है और उसे जुर्माना या कारावास की सजा हो सकती है।

आईपीसी धारा 479: जमानत

479 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 479 के तहत गिरफ्तार अपराध गैर-जमानती होते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस धारा के तहत गिरफ्तार होता है, तो उसे तत्काल जमानत नहीं मिल सकती है। जमानत के लिए उसे अदालत में आवेदन करना होगा, और अदालत ही यह निर्णय लेगी कि उसे जमानत दी जाए या नहीं।

निष्कर्ष

आईपीसी धारा 479 धोखाधड़ी या झूठे दावों के लिए एक महत्वपूर्ण और सख्त प्रावधान है। इस धारा के तहत दंडित किए जाने पर अपराधियों को सजा मिलती है, जो इस तरह के अपराध करके समाज को हानि पहुंचाते हैं। इससे समाज में न्याय की भावना बढ़ती है और लोग अपराधों से डरते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि समाज में कानून व्यवस्था का पालन होता है और अपराधियों को सजा मिलती है।

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