490 IPC in Hindi धारा 490 क्या है (IPC 490 in Hindi)

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भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों में से एक धारा 490 भी है, जो एक विशेष अपराध के लिए सजा का प्रावधान करती है। इस लेख में हम आईपीसी धारा 490 को विस्तार से समझेंगे।

IPC Section 490 in Hindi परिभाषा

आईपीसी धारा 490 भारतीय दंड संहिता के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जिसका उपयोग किसी विशिष्ट प्रकार के अपराध को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। इस धारा के तहत, कोई व्यक्ति जो अवैध रूप से किसी मृत व्यक्ति के शव के साथ छेड़छाड़ करता है, उसे अपराधी माना जाता है।

धारा 490 के अनुसार: “जो कोई व्यक्ति किसी मृत व्यक्ति के शव को चोरी के उद्देश्य से या किसी अन्य अवैध उद्देश्य के लिए नुकसान पहुंचाता है या उससे छेड़छाड़ करता है, वह इस धारा के अंतर्गत दंड का भागी होगा।”

IPC 490 in Hindi आईपीसी धारा 490 के अनुसार दण्ड

IPC Section 490:- आईपीसी धारा 490 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है ताकि समाज में इस तरह के अपराधों को रोका जा सके। इस धारा के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है।

धारा 490 के अनुसार: “जो कोई व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी पाया जाता है, उसे दो वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।”

IPC Section 490 Punishment आईपीसी धारा 490 के अनुसार दण्ड की सजा

IPC Section 490:- आईपीसी धारा 490 के अंतर्गत दी जाने वाली सजा का मुख्य उद्देश्य समाज में अनुशासन और कानून व्यवस्था बनाए रखना है। इस धारा के अंतर्गत दी जाने वाली सजा इस प्रकार है:

  1. कारावास: दोषी को अधिकतम दो वर्ष तक का कारावास हो सकता है।
  2. जुर्माना: दोषी को जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जिसकी राशि न्यायालय द्वारा निर्धारित की जाएगी।
  3. दोनों: कारावास और जुर्माना दोनों का भी प्रावधान है।

यह सजा इस बात पर निर्भर करती है कि अपराध की गंभीरता कितनी है और आरोपी की मंशा क्या थी। न्यायालय इस बात का भी ध्यान रखता है कि अपराध का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा है।

Effact of 490 IPC in Hindi आईपीसी धारा 490 का प्रभाव

आईपीसी धारा 490 का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह धारा न केवल अपराधियों को दंडित करती है, बल्कि समाज में एक कड़ा संदेश भी भेजती है कि किसी भी प्रकार का अनैतिक या अवैध कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस धारा के प्रभाव निम्नलिखित हैं:-

  1. अपराध की रोकथाम: इस धारा के तहत सजा का प्रावधान होने से अपराधियों में भय उत्पन्न होता है, जिससे वे इस प्रकार के अपराध करने से बचते हैं।
  2. नैतिकता का संरक्षण: समाज में नैतिकता और अनुशासन बनाए रखने में इस धारा का महत्वपूर्ण योगदान है।
  3. कानून का पालन: इस धारा के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि लोग कानून का सम्मान करें और उसका पालन करें।
  4. समाज में शांति: इस धारा के तहत सजा का प्रावधान समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने में सहायक है।

Example of 490 IPC in Hindi आईपीसी धारा 490 का उदाहरण

आईपीसी धारा 490 के अंतर्गत आने वाले अपराध का एक उदाहरण निम्नलिखित है:

मान लीजिए कि एक व्यक्ति किसी मृत व्यक्ति के शव को अवैध रूप से निकालकर उससे आभूषण चुराता है। यह कृत्य न केवल नैतिकता के खिलाफ है, बल्कि कानून के अनुसार भी अपराध है। इस स्थिति में, वह व्यक्ति आईपीसी धारा 490 के तहत दोषी ठहराया जाएगा और उसे दो वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

490 IPC Bailable or Not in Hindi

IPC Section 490:- आईपीसी धारा 490 के तहत किए गए अपराध को जमानतीय अपराध माना जाता है। इसका मतलब है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

जमानतीय अपराध के तहत निम्नलिखित प्रावधान होते हैं:

  1. जमानत की मांग: आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने के लिए आवेदन करने का अधिकार होता है।
  2. न्यायालय का निर्णय: न्यायालय इस बात का निर्णय करता है कि आरोपी को जमानत दी जाए या नहीं, यह इस पर निर्भर करता है कि आरोपी के फरार होने या अपराध को दोहराने की संभावना है या नहीं।
  3. शर्तें: जमानत देने के लिए न्यायालय कुछ शर्तें भी लगा सकता है, जैसे कि आरोपी को किसी विशेष स्थान पर रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी या समय-समय पर पुलिस थाने में हाजिरी लगानी होगी।

आईपीसी धारा 490 के तहत किए गए अपराध के लिए जमानत की अनुमति का प्रावधान होने से आरोपी को अपनी बेगुनाही साबित करने का अवसर मिलता है और न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उसे न्याय मिलने की संभावना बनी रहती है।

निष्कर्ष

आईपीसी धारा 490 एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है जो मृत व्यक्ति के शव के साथ अवैध छेड़छाड़ को रोकने के लिए बनाया गया है। इस धारा के तहत सजा का प्रावधान समाज में अनुशासन और नैतिकता बनाए रखने में सहायक है। इसके तहत दिए गए उदाहरण और प्रभाव यह स्पष्ट करते हैं कि इस प्रकार के अपराध न केवल कानून के खिलाफ हैं बल्कि समाज की नैतिकता के भी विरुद्ध हैं। जमानतीय अपराध होने के कारण, आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अपनी बेगुनाही साबित करने का अवसर मिलता है।

इस प्रकार, आईपीसी धारा 490 का महत्व हमारे समाज में अपराधों को रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में बहुत बड़ा है।

अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
प्रिंटर के नाम और पते का खुलासा करने से इनकार करने पर जुर्माना गैर – संज्ञेय जमानतीय कोई भी मजिस्ट्रेट

 

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