IPC Section 82 in Hindi परिभाषा
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 82 के अनुसार, किसी सात वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किया गया कोई भी कार्य अपराध नहीं माना जाएगा। इसका अर्थ है कि यदि सात वर्ष से कम उम्र का बच्चा कोई भी कार्य करता है, तो उसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
IPC 82 in Hindi आईपीसी धारा 82 के अनुसार दण्ड
IPC Section 82:- आईपीसी धारा 82 के अनुसार, सात वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किए गए किसी भी कार्य के लिए कोई दंड नहीं दिया जा सकता है। यह धारा बच्चों को उनकी उम्र और समझ के कारण आपराधिक जिम्मेदारी से मुक्त करती है।
IPC Section 82 Punishment आईपीसी धारा 82 के अनुसार दण्ड की सजा
IPC Section 82:- आईपीसी धारा 82 के अनुसार, सात वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा किए गए कार्यों के लिए कोई सजा निर्धारित नहीं है। इस धारा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छोटे बच्चों को उनकी उम्र और समझ के अनुसार आपराधिक कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए।
Effect of 82 IPC in Hindi आईपीसी धारा 82 का प्रभाव
आईपीसी धारा 82 का मुख्य प्रभाव यह है कि यह सात वर्ष से कम आयु के बच्चों को आपराधिक जिम्मेदारी से मुक्त करती है। इसका अर्थ है कि ऐसे बच्चे जिनकी उम्र सात वर्ष से कम है, वे किसी भी आपराधिक कार्य के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे और उन्हें किसी भी प्रकार की सजा नहीं दी जाएगी।
Example of 82 IPC in Hindi आईपीसी धारा 82 का उदाहरण
82 IPC Bailable or Not:- मान लीजिए कि एक छह वर्षीय बच्चा गलती से किसी का खिलौना तोड़ देता है। इस मामले में, आईपीसी धारा 82 के तहत उस बच्चे पर कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती क्योंकि उसकी उम्र सात वर्ष से कम है।
82 IPC Bailable or Not in Hindi
82 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 82 के तहत किए गए कार्यों के लिए कोई गिरफ्तारी या सजा नहीं होती है, इसलिए यह प्रश्न अप्रासंगिक है कि यह धारा जमानती है या नहीं। यह धारा सात वर्ष से कम आयु के बच्चों को आपराधिक कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराती है।
तो दोस्तों, आज के लेख में हमने आईपीसी धारा 82 से जुड़ी सारी जानकारियों को हिंदी में आपके सामने रखने का प्रयास किया है कि धारा 82 क्या है (what is IPC 82 in Hindi), आईपीसी धारा 82 के अनुसार अपराध की सजा क्या है और इस मुकदमे में जमानत कैसे मिलती है।
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