आईपीसी धारा 425: परिभाषा
भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत धारा 425 एक महत्वपूर्ण धारा है जो आपराधिक उत्पीड़न से संबंधित है। इस धारा के अनुसार, “जो कोई भी धोखाधड़ी, आपराधिक उत्पीड़न या नुकसान पहुँचाने का कोई कार्य करता है और जिससे किसी वस्त्र, गुदाकरण, संपत्ति या सुरक्षा पदार्थ का नुकसान होता है, उस पर दंड किया जाएगा।”
IPC 425: आईपीसी धारा 425 के अनुसार दण्ड
IPC Section 425:- धारा 425 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी, आपराधिक उत्पीड़न या नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से किसी को किसी वस्त्र, गुदाकरण, संपत्ति या सुरक्षा पदार्थ का नुकसान पहुँचाता है, तो उसे धारा 425 के तहत दंडित किया जाता है।
IPC धारा 425 के अनुसार दण्ड की सजा
IPC Section 425:- धारा 425 के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई होती है। अपराधी को आपराधिक उत्पीड़न या नुकसान पहुँचाने के लिए सजा दी जाती है।
आईपीसी धारा 425 का प्रभाव
425 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 425 का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण है। यह धारा व्यक्तियों को आपराधिक उत्पीड़न से रोकती है और समाज में सुरक्षा और न्याय की भावना को बढ़ाती है।
आईपीसी धारा 425 का उदाहरण
धारा 425 के अंतर्गत, यदि किसी व्यक्ति धोखाधड़ी या आपराधिक उत्पीड़न करके किसी की संपत्ति का नुकसान पहुँचाता है, तो उसे धारा 425 के तहत सजा हो सकती है। उदाहरण के रूप में, यदि कोई व्यक्ति दस्तावेज़ के जाल में फंसा कर उसकी संपत्ति को हड़पने का प्रयास करता है, तो उसे धारा 425 के तहत दंडित किया जा सकता है।
425 IPC बेलयाबल या नहीं?
425 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 425 बेलयाबल नहीं है। यहाँ तक कि अपराधी को गिरफ्तार होने पर भी उसे जमानत नहीं मिलती है। ऐसे मामलों में अपराधी को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होता है और सजा की धारा के तहत सजा होती है।
आईपीसी धारा 425 का उल्लंघन गंभीर अपराध है और इसकी सजा भी कठिन होती है। यह धारा समाज में विश्वास की बढ़ती होती है और लोगों को आपराधिक उत्पीड़न से बचने के लिए जागरूक करती है।