484 IPC in Hindi धारा 484 क्या है (IPC 484 in Hindi)

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भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 484 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो भारतीय मुद्रा की नकली नकल और उसके प्रयोग को रोकने के लिए बनाई गई है। इस लेख में हम आईपीसी धारा 484 के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करेंगे, जिसमें इसकी परिभाषा, सजा, प्रभाव, उदाहरण और इसके जमानती या गैर-जमानती होने के विषय शामिल हैं।

IPC Section 484 in Hindi परिभाषा

IPC Section 484:- भारतीय दण्ड संहिता की धारा 484 के तहत नकली मुद्रा बनाने और उसका उपयोग करने का अपराध आता है। इस धारा के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जो नकली मुद्रा या बैंक नोट बनाने के उद्देश्य से किसी यंत्र, उपकरण या सामग्री को रखता है, वह इस धारा के अंतर्गत अपराधी माना जाता है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य देश में मुद्रा की विश्वसनीयता और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना है।

IPC 484 in Hindi: आईपीसी धारा 484 के अनुसार दण्ड

IPC Section 484:- आईपीसी धारा 484 के तहत किसी भी व्यक्ति को नकली मुद्रा या बैंक नोट बनाने के यंत्र, उपकरण या सामग्री को रखने के लिए दोषी पाया जाता है, तो उसे कठोर दण्ड का प्रावधान है। यह धारा विशेष रूप से उन लोगों को लक्षित करती है जो नकली मुद्रा के उत्पादन में शामिल होते हैं, जिससे आर्थिक प्रणाली में अस्थिरता आती है।

IPC Section 484 Punishment: आईपीसी धारा 484 के अनुसार दण्ड की सजा

आईपीसी धारा 484 के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर, अपराधी को तीन साल तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। यह सजा इसलिए दी जाती है ताकि लोग नकली मुद्रा बनाने या उसका उपयोग करने से बचें और आर्थिक व्यवस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

Effect of 484 IPC in Hindi: आईपीसी धारा 484 का प्रभाव

आईपीसी धारा 484 का प्रभाव मुख्य रूप से देश की आर्थिक सुरक्षा और मुद्रा की विश्वसनीयता पर पड़ता है। यह धारा नकली मुद्रा के उत्पादन और प्रसार को रोकने के लिए बनाई गई है। इस धारा के लागू होने से निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकते हैं:

  1. आर्थिक स्थिरता: नकली मुद्रा के प्रचलन को रोककर, यह धारा देश की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद करती है।
  2. मुद्रा की विश्वसनीयता: असली मुद्रा की विश्वसनीयता और विश्वास को बनाए रखने में यह धारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  3. अपराध में कमी: नकली मुद्रा से जुड़े अपराधों में कमी आती है, जिससे कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलती है।

Example of 484 IPC in Hindi: आईपीसी धारा 484 का उदाहरण

484 IPC Bailable or Not:- मान लीजिए कि एक व्यक्ति को एक संदिग्ध यंत्र और उपकरण के साथ पकड़ा जाता है जो नकली मुद्रा बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। पुलिस जांच के बाद पुष्टि करती है कि वह व्यक्ति नकली नोट बनाने की योजना बना रहा था। ऐसे में, उस व्यक्ति को आईपीसी धारा 484 के तहत गिरफ्तार किया जाएगा और न्यायालय में दोषी पाए जाने पर उसे तीन साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

484 IPC Bailable or Not in Hindi

484 IPC Bailable or Not:- आईपीसी धारा 484 के अंतर्गत अपराध जमानती है। इसका मतलब है कि आरोपी को पुलिस हिरासत में रहते हुए जमानत दी जा सकती है। यह जमानत पुलिस या न्यायालय के आदेश पर निर्भर करती है और आरोपी को न्यायालय में पेश होने तक जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

निष्कर्ष

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 484 नकली मुद्रा के उत्पादन और उसके उपयोग को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह धारा देश की आर्थिक सुरक्षा और मुद्रा की विश्वसनीयता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके तहत दोषियों को कठोर सजा का प्रावधान है ताकि लोग ऐसे अपराध करने से बचें और देश की आर्थिक व्यवस्था स्थिर बनी रहे।

अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
एक संपत्ति के निशान की जालसाजी, या उसके द्वारा उपयोग किए जाने वाले किसी भी निशान को किसी भी संपत्ति के निर्माण, गुणवत्ता आदि को निरूपित करने के लिए 3 साल + जुर्माना गैर – संज्ञेय जमानतीय प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट

 

तो दोस्तो आज के लेख मे हमने IPC section 484 से जुडी सारी जानकारीयो को Hindi Langauge मेंआपके सामने रखने का प्रयास किया है कि Dhara 484 क्या है (what is IPC 484 in Hindi) Indian Kanoon 484 IPC अपराध की सजा क्या है और इस मुकदमे मे जमानत कैसे मिलती है।

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