IPC धारा 402 का परिचय:
हमारे देश में कानून की व्यवस्था और न्याय के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) अहम है। यहाँ पर हम बात करेंगे आईपीसी धारा 402 के बारे में। यह धारा भारतीय दंड संहिता में प्रावधान की गई है जो अपराधिक अधिकारों को उल्लंघित करने के लिए दंड प्रदान करती है।
IPC धारा 402 की परिभाषा:
IPC Section 402:- आईपीसी धारा 402 के तहत, किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के अपराधिक अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है, तो ऐसे अपराधिक व्यक्ति को कठोर दंड और सजा का प्रावधान किया जाता है।
IPC धारा 402 के अनुसार दण्ड:
IPC Section 402:- आईपीसी धारा 402 के तहत, अगर कोई व्यक्ति या समूह अन्य व्यक्ति के अपराधिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो उसे कठोर दंड और सजा का सामना करना पड़ता है। इसमें निर्दिष्ट दंड और सजा की धारा के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
आईपीसी धारा 402 के अनुसार दण्ड की सजा:
आईपीसी धारा 402 के तहत अपराधिक व्यक्ति को कड़ी सजा का सामना करना पड़ता है। यह धारा उस व्यक्ति या समूह के खिलाफ अभियोग प्रस्तुत करती है जिसने दूसरे व्यक्ति के अपराधिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।
आईपीसी धारा 402 का प्रभाव:
आईपीसी धारा 402 का प्रभाव यह है कि यह अपराधिक व्यक्तियों या समूहों को संज्ञान में रखता है कि दूसरों के अपराधिक अधिकारों का उल्लंघन करना अपराधिक और अवैध है। इससे सामाजिक न्याय और कानूनी नियंत्रण बना रहता है।
आईपीसी धारा 402 का उदाहरण:
उदाहरण के रूप में, यदि कोई व्यक्ति या समूह द्वारा किसी व्यक्ति के संपत्ति को अवैध रूप से हड़प लिया जाता है, तो ऐसे अपराधिक व्यक्ति को आईपीसी धारा 402 के तहत कठोर दंड और सजा का सामना करना पड़ता है।
402 IPC क्या जमानती या जमानती नहीं है? (402 IPC Bailable or Not)
402 IPC Bailable or Not:- क्या आईपीसी धारा 402 की धारा के तहत जमानत प्रदान की जाती है या नहीं, इसके बारे में एक विवाद उठता है। इस धारा के तहत अपराधिक व्यक्ति को अपराध के प्रकार और तगड़ाई के आधार पर जमानत या जमानती की सुविधा दी जा सकती है। लेकिन यह धारा अपराधिकता की तगड़ाई को देखते हुए अक्सर जमानत नहीं देती है।
इस तरह, आईपीसी धारा 402 एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है जो अपराधिक व्यक्तियों या समूहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को प्रोत्साहित करता है और सामाजिक न्याय की सुरक्षा करता है। इसे समाज में अनुशासन और कानूनीता की ऊंचाई बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
डकैती को अंजाम देने के उद्देश्य से इकट्ठे हुए पांच या अधिक व्यक्तियों में से एक होने के नाते |
7 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना |
संज्ञेय |
गैर जमानतीय |
सत्र न्यायालय |